रूप की गली में इश्क का गलियारा है बीच में वो खड़ी है इस पार घर हमारा है कोई तो वजह होगी कोई बेवजह नहीं ठहरता दूर कहीं रोश्नी का एक कतरा है इस तरफ घना अँधियारा है... © abhishek trehan ♥️ Challenge-599 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।