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वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सि

 वो झुमके कितनें प्यारे थे...
जैसे कानों पे लगते सितारे थे....

जब भी खुशी में झुमती थी...
लटकनें उसके गालों को चुमती थी....

बैरन बड़ी वो चूड़ी थी...
बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी.....
 वो झुमके कितनें प्यारे थे...
जैसे कानों पे लगते सितारे थे....

जब भी खुशी में झुमती थी...
लटकनें उसके गालों को चुमती थी....

बैरन बड़ी वो चूड़ी थी...
बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी.....

वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी.... बैरन बड़ी वो चूड़ी थी... बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी..... #Poetry #Photography #Instagram #Facebook #एक #सी #कोशिश #छोटी #जुड़ा #ब्रजेश