दुनियादारी करते करते, प्यार वगै़रह कर। अगर किसी से प्रेम हुआ, इज़हार वगै़रह कर। जिस लड़की को देख देखकर, जीना हो आसान। उस लड़की का थोड़ा सा आभार वगै़रह कर। ©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #Titliyaan #कविता_संगम