बचपन में कहती थी मेरी मां दूर रहना इससे बुरा है ये जहां तब बात ये समझ नहीं आती थी मुझको मैं बालक था तब नादान मां मेरी कहती है काम कुछ खास कर दूसरे के टुकड़ों पर ना विश्वास कर गंदे वाले कामों से रहना बेटा दूर नहीं माने तो पड़के देख दैनिक भास्कर अपने तू पैरो पे हो के खड़ा मंजिल के लिए जिद पे रहना अडा मेहनत होगी तेरी बड़ी पसीना होगा ज्यादा तभी तो मिलेगा तुझे ताज बड़ा दुनिया में तू ऐसा काम कर शान से सभी ले ऐसा नाम कर मत कर बुरे लोगों को सपोर्ट संघर्ष करके कर सब हासिल ना तू आराम कर #__मोहित__पण्डित my first rap for mom