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देखो चीख रही है वो, देखो चीख रही है वो, कुछ बोल रह

देखो चीख रही है वो, देखो चीख रही है वो,
कुछ बोल रही है वो, मुंह खोल रही है वो,
बेटी सीता है, बेटी राधा है,
बढ़ते इसको देख लोग बनते बाधा हैं,
ये कलियों जैसी हैं, ये परियों जैसी हैं,
ये जितनी कोमल हैं, उतनी ही प्रबल हैं,
देखो जा रही है वो, देखो जा रही है वो।
देखो चीख........

ये लक्ष्मीबाई हैं, ये मीराबाई हैं,
ये माता सीता हैं, ये भगवत गीता हैं,
ये थोड़ी डरती हैं, फिर सहमती हैं,
देखो देश की सड़कों पर, बेटी चीखती हैं,
नफरत के टुकड़ों में देखो प्यार मिलता है,
देखो रो रही है वो....
देखो चीख रही है वो.......

©सुन्दरम दुबे #betiya #nojotoLove #nojoto #Rape #poetry_by_sundram
देखो चीख रही है वो, देखो चीख रही है वो,
कुछ बोल रही है वो, मुंह खोल रही है वो,
बेटी सीता है, बेटी राधा है,
बढ़ते इसको देख लोग बनते बाधा हैं,
ये कलियों जैसी हैं, ये परियों जैसी हैं,
ये जितनी कोमल हैं, उतनी ही प्रबल हैं,
देखो जा रही है वो, देखो जा रही है वो।
देखो चीख........

ये लक्ष्मीबाई हैं, ये मीराबाई हैं,
ये माता सीता हैं, ये भगवत गीता हैं,
ये थोड़ी डरती हैं, फिर सहमती हैं,
देखो देश की सड़कों पर, बेटी चीखती हैं,
नफरत के टुकड़ों में देखो प्यार मिलता है,
देखो रो रही है वो....
देखो चीख रही है वो.......

©सुन्दरम दुबे #betiya #nojotoLove #nojoto #Rape #poetry_by_sundram