इतनी उम्मीद ऐ वफ़ा मत रख, मैं अपनी ही जुवां से फिसल गया तो क्या होगा। फेंके वक़्त कभी ऐसा पासा, की कल मैं बदल गया तो क्या होगा।। #वक़्त का पासा