फूल भी नहीं खिलते। रोज़ रहा सोज़ ए ग़म चाक जिगर नहीं सिलते। याद रहे ताज़ा तेरी मरहम अब नहीं मलते। अब तुम्हें गवां के हम जानिब ए घर नहीं चलते। तुम जो नहीं मिलते... #yqsayyed #yqsheroshayri #तुमनहींमिलते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi