इरादा कुछ यूं है कि... लफ़्ज़ हौले से दस्तक दे जाएं उसपे खामोशियाँ फिर शोर कर जाएं बेहिसी की कैफ़ियत जो उस तरफ़ है एक ज़रा उसमें जुम्बिश हो जाये 12/4/20