तुम चली जाती हो यूँ अनदेखा कर के जैसे मैं तेरे दर पे शवाली (फ़रियादी) बैठा हूँ, तुम्हारे पास अगर है लाखो काम तो मैं क्या यहाँ खाली बैठा हूँ। #Khali