लौट कर आती है कई बार मेरी ख्वाहिशे,मेरे दरवाजे पर छूट तो बहुत कुछ गया पीछे पर कुछ अंश अभी भी बाकी है मेरे अंदर अभी भी कहीं मेरा प्रतिबिंब बाकी है। ©Drjagriti #प्रतिबिंब