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तेरा इंतज़ार "read in captions" "अनुशीर्षक मे पढ

तेरा इंतज़ार    "read in captions"
"अनुशीर्षक मे पढे" वो हर रविवार अपने बाल सुखाने और सुलझाने छत पर आया करते थे मुझे नहीं पता कि उनकी बाल सुलझाने की अदा से इश्क़ हुआ या उनसे..
पर हां कुछ तो था जो 6 दिन का इंतजार भारी लगता था , पर बड़ी कश्मकश के बाद भी रविवार आ ही जाता था समय सुबह 8 बजे से इंतजार करना जब तक वो आकर ना चले जाए...
वो अपने बाल सुलझाने आते पर मै उनमें उलझ कर रह जाता...शायद वो भी समझने लगी थी मेरे इस पागलपन को 
ये सब बहुत महीनों तक चला पर मै उन्हें कुछ कह नहीं पाया कभी..
इस रविवार ने विराम लिया और ज़िंदगी आगे बढ़ी 
 
पर पीछले रविवार जब मै छत पर था और उन्हें देखा कि आज भी वो बाल सुलझा रहे थे मै फिर वही उलझ कर रह गया एक पल के लिए नज़रे मिली हम दोनों मुस्कुराए  
शायद प्यार ने नई शुरुवात ली
तेरा इंतज़ार    "read in captions"
"अनुशीर्षक मे पढे" वो हर रविवार अपने बाल सुखाने और सुलझाने छत पर आया करते थे मुझे नहीं पता कि उनकी बाल सुलझाने की अदा से इश्क़ हुआ या उनसे..
पर हां कुछ तो था जो 6 दिन का इंतजार भारी लगता था , पर बड़ी कश्मकश के बाद भी रविवार आ ही जाता था समय सुबह 8 बजे से इंतजार करना जब तक वो आकर ना चले जाए...
वो अपने बाल सुलझाने आते पर मै उनमें उलझ कर रह जाता...शायद वो भी समझने लगी थी मेरे इस पागलपन को 
ये सब बहुत महीनों तक चला पर मै उन्हें कुछ कह नहीं पाया कभी..
इस रविवार ने विराम लिया और ज़िंदगी आगे बढ़ी 
 
पर पीछले रविवार जब मै छत पर था और उन्हें देखा कि आज भी वो बाल सुलझा रहे थे मै फिर वही उलझ कर रह गया एक पल के लिए नज़रे मिली हम दोनों मुस्कुराए  
शायद प्यार ने नई शुरुवात ली
harshmishra3425

Harsh mishra

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