तो जैसा की आज कृष्ण जन्माष्टमी है, सभी ने अच्छी तरह इस पर्व का आनंद उठाया होगा, मैंने कुछ खास न किया, छोटा सा परिवार है मेरा और कम लोगों में ये नहीं हो पाता, भजन -कीर्तन, जगराता ये सब, और वैसे भी मैं साधना और तपस्या में विश्वास रखती हूँ, परन्तु हाँ कभी किसी का बुलावा आया हो तो मैं नाचने गाने से परहेज नहीं करती, अरे ये तो मेरी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा हैं, परिस्थितियां मेरी चाहे कैसी भी हों, मैं कमरा बंद करके जोर से जोर से अपने ही बनाये गाने अपनी ही धुन में गाना पसंद करती हूँ, और हाँ ये मुझे सहायता करता है मेरी किसी भी प्रकार की स्थिति से बाहर आने के लिए,
तो आज कुछ चीजें आपसे बाँटना चाहती हूँ, जो कृष्ण ने महाभारत के माध्यम से हमें समझाने की कोशिश की हैं, और मेरे गुरु ने मुझे, उनका विशेष धन्यवाद करना चाहूंगी उनके निर्देशानुसार ही कुछ चीजें अपने जीवन में ढाल पायी हूँ, और कुछ पर काम कर रही हूँ,
तो वे कुछ इस प्रकार हैं,
1.) कुछ अच्छा देखने के लिए अच्छी नजर और अच्छे नजरिए दोनों की आवश्यकता होती है,!