बंद दरवाज़ों का कोई मकान.. जहाँ सबके दिलों पे ताले हैं, टूटे टूटे से तनहा रिश्ते हैं , मन में अनगिनत ख़्वाहिशों का शोर है , मगर सारी दबी दबी सी कहीं चुप हैं.. प्यार का लगता है मोल यहाँ इश्क़ के बाज़ार में , खुदा भी आता है याद जब कोई इच्छा अधूरी है , सपने तो हैं मगर उड़ने को पंख नहीं है .. बेमतलब सी ज़िन्दगियों का बसेरा है , ऐसा शहर ये मेरा है… #yosimwrimo में आज शहर के विभिन्न रूपों के बारे में लिखें। #शहरजैसे #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi