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मैं हीं मैं (ईश्वर ) --------------------- रहता हू

मैं हीं मैं (ईश्वर )
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रहता हूँ मैं कण -कण में 
झरने की निर्झर सी धारा में 
रहता चहुँ ओर दिशाओं में
मैं ही मैं हूँ हर इक ओर बसा 
फूलों में मैं और काँटों में मैं 
तुम देखो जाकर कहीं यार
मैं रहता हूँ हर -धड़कन में
नहीं है कुछ भी छूटा मुझसे 
हर कली पुष्प और उपवन में 
तुम देखो जाकर कहीं यार 
मिल -जाऊँगा इक मैं हीं मैं 
तुममें भी बसता मैं ही इक हूँ 
रहता खुद में मैं ही मैं हूँ.....
तुम ले लो दरिया यार समंदर 
हर -इक तरफ मैं हीं मैं हूँ....
देता हूँ सबको ही मैं जीवन   
इक सबको मौत भी देता हूँ 
मैं ही हूँ करता पालन सबका 
मैं हीं इक जीवन हरता हूँ ....
सब भला -बुरा मुझमें ही है 
हर इक भले -बुरे में रहता हूँ 
दुनियाँ में जो जो भी यार रहे 
मैं सबके अंदर ही रहता हूँ....
तुम जो भी पढ़ते हो मंत्र यार
मैं उन मंत्रों में भी रहता हूँ ....
मैं हूँ शस्त्रों में ,मैं ही हूँ शास्त्रों में भी 
तुम देखो जाकर जल ,वायु अग्नि 
मैं तो उन सब हीं तत्वों में  हूँ 
तुम देख लो जाकर कहीं यार 
मैं हर इक तरफ हर दिशा में हूँ

©ANOOP PANDEY
  pramodini mohapatra Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Kanak Tiwari J. Chandravanshi Anshu writer  Nishant Patel "Devil" पूजा उदेशी NIRMAL PANDEY स्वच्छंद Rajat Bhardwaj 
#मैं_हीं_मैं_(ईश्वर )
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रहता हूँ मैं कण कण में हीं
झरने की निर्झर सी धारा मे
रहता चहुँ ओर दिशाओं में
मैं ही मैं हूँ हर इक ओर बसा 
फूलों में मैं और काँटों में मैं
anooppandey2200

ANOOP PANDEY

Gold Star
Super Creator
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pramodini mohapatra Kajal Singh [ ज़िंदगी ] @Kanak Tiwari @J. Chandravanshi @Anshu writer Nishant Patel "Devil" पूजा उदेशी NIRMAL PANDEY स्वच्छंद @Rajat Bhardwaj #मैं_हीं_मैं_(ईश्वर ) -------++++++++ रहता हूँ मैं कण कण में हीं झरने की निर्झर सी धारा मे रहता चहुँ ओर दिशाओं में मैं ही मैं हूँ हर इक ओर बसा फूलों में मैं और काँटों में मैं #Poetry

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