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प्यारी माँ ********* मेरी सृष्टि मेरी प्यारी माँ,

प्यारी माँ
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मेरी सृष्टि मेरी प्यारी माँ,
मुझे सर्वप्रिय थी दुलारी माँ।
आज भी अक्सर आ जाया करती है।
प्रेम से वो सहलाया करती है।
व्यथित कभी जो मैं दिखती हूँ।
मुझको समझाया करती है।
बडे प्रेम से मुझे सुलाकर तब 
वापस जाया करती है।

सुधा भारद्वाज"निराकृति"
विकासनगर उत्तराखण्ड
"सर्वाधिकार सुरक्षित"

©सुधा भारद्वाज"निराकृति"
  ##प्यारी_माँ