भुलाई नहीं जातीं। शमा-ए-इश्क़, पल मे, बुझाई नहीं जाती। दिल की दुनियाँ, यूँ ही, बसाई नहीं जाती। राज़ की बातें, सबको, बताई नहीं जातीं। पैग़ाम आने भर से, जुदाई नहीं जाती। अश्क़े-दौलत, सब पर, लुटाई नहीं जाती। किसी के बुरा कहने से, भलाई नहीं जाती। रस्मे-वफा,"फिराक़",ऐसे, निभाई नहीं जाती। नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳