*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“31/7/2021”*🌫️ 🌧️*“शनिवार”*🌧️ क्या “तितली” को आपने कभी अपने “खोल” से बाहर आते हुए देखा है ? “तितली” क्या करती है ? जब “उड़ना” चाहती है तो वो अपने “खोल” को स्वयं तोड़ना चाहती है,उसके “पंख” निकल आते है और फिर वो “उड़ान” भर लेती है और खुले आसमान में उड़ जाती है यहीं “सीख” है हमारे लिए भी है यदि हम “उड़ान भरना” चाहते है तो हमें स्वयं “भीतर” से अपने “खोल” को तोड़ना होगा, अर्थात स्वयं को “बंधनों से मुक्त” करना होगा,“सुरक्षा” के लिए “बंधनों” में बंध जाना ये सबसे अधिक “असुरक्षित कार्य” है,“जीवन” में “सुरक्षा का भय” उचित है किन्तु यदि “अतिभय” होगा तो ये आपको इतना “दुर्बल” बना देगा कि आप स्वयं अपने ही “सुरक्षा चक्र” को तोड़ नहीं सकेंगे,यदि आपको “नवनिर्माण” करना है तो अपने “सुरक्षाचक्र को तोड़कर” बाहर आना होगा,“साहस” के साथ “परिश्रम” करना होगा,यदि आप ऐसा करते है तो आपकी “उड़ान” को कोई नहीं रोक सकता... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“31/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“शनिवार”*🌧️ #“तितली” #“खोल”