यूँ तो मैं मोहब्बत बेइंतेहा करता हूँ ग़ज़लों से देखा तुम्हें तो सोचा बेवफ़ाई करलूँ ग़ज़लों से मुझे मेरी कलम का कोई कद्रदाँ नहीं मिलता तुम ही बताओ मैं घर कैसे चलाऊँ ग़ज़लों से वो मंजऱ भी कितना हसीन होगा मेरी जान कि तुम रूठ जाओ और मैं मनाऊँ ग़ज़लों से जिन्हें दो टूक बात तक मेरी समझ ना आई तुम चाहते हो कि मैं उन्हें समझाऊँ ग़ज़लों से? तुमसे इश्क़ होने की इक वजह ये भी है राहिल कि मिलती है शक्ल तुम्हारी हू-ब-हू ग़ज़लों से #nojotopoetry #nojotoghazal #nojotolove #lovequotes #raahil #lifequotes #lovestory #nojotoshayari