ए शाम जरा धीरे ढलना, आज उनसे मिलन की रुत आनी है। ए शाम जरा .....। दिल की चाहत है आखों में, ये आज उन्हे बतलानी है। ए शाम जरा .....। खयालो में सजाया था जो चेहरा, आज दिदार उन्ही का होना है। ए शाम जरा ....। ये बारिश का मौसम भी था तन्हा, आज उसे हद से आगे बरसना है। ए शाम जरा धीरे ढलना , आज उनसे मिलन की रूत आनी है।। ( written by Shubham Shakti) #nojoto #nojotoofficial #nojotoapp #nojotoquotes #sham #शाम #दिल #dil