यूं देखो मुहब्बत जवां हो गई है निगाहों निगाहों बयां हो गई है वो पलकें उठाना वो नज़रें मिलाना वो मिलते ही आंखे नज़र फेर जाना इशारों इशारों में हां हो गई है निगाहों निगाहों..... यूं हंसके जो मुझसे हो दामन छुड़ाते करीब आते आते हो फिर दूर जाते गज़ब ये अदा जानेजां हो गई है निगाहों निगाहों........ मैं ऐलान कर दूं , हूं तेरा दीवाना भला क्यूं डरें क्या कहेगा ज़माना कि कुदरत भी अब मेहरबां हो गई है निगाहों निगाहों...... न लो इम्तिहां यूं न हमको सताना चले आओ जानां चले आओ जानां जुदाई की अब इंतिहा हो गई है निगाहों निगाहों...... यूं देखो मुहब्बत जवां हो गई है निगाहों निगाहों बयां हो गईं है