White मुसाहिब सिर्फ़ नाम के ही नहीं हैं मुसाहिबत निभानी भी आती हैं तेरी आंखों से निकले हर आसूँ के करते से वजह पूछेंगे ज़रूर यूं हीं नहीं इन मोतियों को ज़ाया होनें देंगे वफ़ा और प्यार है तुमसे इस प्यार का सौदा नहीं होनें देंगे ©Dr Supreet Singh #मुसाहिब