है वर्षों का मोहब्बत जुदा होने से डरती है ये कैसा जंग है फेसबुक का पासवर्ड देने से डरती है कहती है कजाक लड़की मुझ पर शक करते हो तुम ये कैसा मेरा शक है जो शक दूर करने से डरती है ©✍ अमितेश निषाद है वर्षों का मोहब्बत जुदा होने से डरती है ये कैसा जंग है फेसबुक का पासवर्ड देने से डरती है कहती है कजाक लड़की मुझ पर शक करते हो तुम ये कैसा मेरा शक है जो शक दूर करने से डरती है ____अमितेश निषाद