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White                                                                         ना सम्मान की चाह                                              ना जीवन की चाह    
                                                                  ना अपमान का भय                                             ना मृत्यु का भय 
                                                                     आज हुआ सूर्यास्त                                              आज हुआ सूर्यास्त 
                                                                    कल होगा सूर्योदय                                              कल होगा सूर्योदय
                                                                   अभी है घनी रात                                                    अभी है घनी रात
                                                                   मुझे चाहिए एक क्वार्टर                                      मुझे चाहिए एक क्वार्टर

                                                                ना संपत्ति की चाह                                                 ना मोक्ष की चाह
                                                                  ना विपत्ति का भय                                              ना बन्धन का भय
                                                                    आज हुआ सूर्यास्त                                              आज हुआ सूर्यास्त 
                                                                   कल होगा सूर्योदय।                                              कल होगा सूर्योदय
                                                                    अभी है घनी रात।                                                  अभी है घनी रात
                                                                   मुझे चाहिए एक क्वार्टर                                      मुझे चाहिए एक क्वार्टर 

ना जीत की चाह 
ना हार का भय 
आज हुआ सूर्यास्त 
कल होगा सूर्योदय
अभी है घनी रात
मुझे चाहिए एक क्वार्टर

ना प्रेम की चाह 
ना विरह का भय
आज हुआ सूर्यास्त 
कल होगा सूर्योदय
अभी है घनी रात
मुझे चाहिए एक क्वार्टर 

ना शान्ति की चाह
ना अशांति का भय
आज हुआ सूर्यास्त
कल होगा सूर्योदय
अभी है घनी रात 
मुझे चाहिए एक क्वार्टर

©Brijendra Dubey 'Bawra, #Moon #bawraspoetry
White                                                                         ना सम्मान की चाह                                              ना जीवन की चाह    
                                                                  ना अपमान का भय                                             ना मृत्यु का भय 
                                                                     आज हुआ सूर्यास्त                                              आज हुआ सूर्यास्त 
                                                                    कल होगा सूर्योदय                                              कल होगा सूर्योदय
                                                                   अभी है घनी रात                                                    अभी है घनी रात
                                                                   मुझे चाहिए एक क्वार्टर                                      मुझे चाहिए एक क्वार्टर

                                                                ना संपत्ति की चाह                                                 ना मोक्ष की चाह
                                                                  ना विपत्ति का भय                                              ना बन्धन का भय
                                                                    आज हुआ सूर्यास्त                                              आज हुआ सूर्यास्त 
                                                                   कल होगा सूर्योदय।                                              कल होगा सूर्योदय
                                                                    अभी है घनी रात।                                                  अभी है घनी रात
                                                                   मुझे चाहिए एक क्वार्टर                                      मुझे चाहिए एक क्वार्टर 

ना जीत की चाह 
ना हार का भय 
आज हुआ सूर्यास्त 
कल होगा सूर्योदय
अभी है घनी रात
मुझे चाहिए एक क्वार्टर

ना प्रेम की चाह 
ना विरह का भय
आज हुआ सूर्यास्त 
कल होगा सूर्योदय
अभी है घनी रात
मुझे चाहिए एक क्वार्टर 

ना शान्ति की चाह
ना अशांति का भय
आज हुआ सूर्यास्त
कल होगा सूर्योदय
अभी है घनी रात 
मुझे चाहिए एक क्वार्टर

©Brijendra Dubey 'Bawra, #Moon #bawraspoetry