White ना सम्मान की चाह ना जीवन की चाह ना अपमान का भय ना मृत्यु का भय आज हुआ सूर्यास्त आज हुआ सूर्यास्त कल होगा सूर्योदय कल होगा सूर्योदय अभी है घनी रात अभी है घनी रात मुझे चाहिए एक क्वार्टर मुझे चाहिए एक क्वार्टर ना संपत्ति की चाह ना मोक्ष की चाह ना विपत्ति का भय ना बन्धन का भय आज हुआ सूर्यास्त आज हुआ सूर्यास्त कल होगा सूर्योदय। कल होगा सूर्योदय अभी है घनी रात। अभी है घनी रात मुझे चाहिए एक क्वार्टर मुझे चाहिए एक क्वार्टर ना जीत की चाह ना हार का भय आज हुआ सूर्यास्त कल होगा सूर्योदय अभी है घनी रात मुझे चाहिए एक क्वार्टर ना प्रेम की चाह ना विरह का भय आज हुआ सूर्यास्त कल होगा सूर्योदय अभी है घनी रात मुझे चाहिए एक क्वार्टर ना शान्ति की चाह ना अशांति का भय आज हुआ सूर्यास्त कल होगा सूर्योदय अभी है घनी रात मुझे चाहिए एक क्वार्टर ©Brijendra Dubey 'Bawra, #Moon #bawraspoetry