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बेहिसाब यादें है, दिल के खाली पिंजरे में, कैद होक

 बेहिसाब यादें है,
दिल के खाली पिंजरे में,
कैद होकर रह गई है।

बेतहाशा चाहत है,
और वो भी उन सब से
जो बेपरवाह है सिर्फ तुम से।

बेपनाह मोहब्बत है,
मंजिलों को तरसी है,
रास्ते पर भटकी है।

बेवजह की रस्में है,
कोई शगुन ना अपशगुन हुआ,
फिर क्यों निभाते फिरते हो।

बेलगाम रिश्ते है,
रोकने से रूकते नही,
फिर भी बांधे रहते हो।

और कहते हो किस्मत है,
जिंदगी में सब तो बेहद है,
बस बेहिसाब ना हो बेहतर है।

©Anu...Writes
  #behisaabyadein