पल्लव की डायरी हे किशन मुरारी तुमको भारत मे फिर चक्र सुदर्शन धरना होगा आतातायी घमंडी दुर्योंधन पनप गये उनका वध अब करना होगा पापी ने धर्म का हरणकर सत्य को चुनोतियाँ देता है गंगा गो माता की शपथ लेकर संस्कारो की बलि लेता है तड़पती राधा अब कलयुग में दुशाशन नारी का शील भंग करता है प्रजा रूपी पांडव वनवास भोगते सत्ता सुख में धृतराष्ट्र कुसी मोह में है आ जाओ अपने भारत मे धर्म की स्थापना तुमको करना है तुम्हारी मुरली की तानो पर भारत की प्रजा को फिर थिरकना है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #DearKanha फिर चक्र सुदर्शन धरना होगा #DearKanha