उम्र गुजार रही तेरे आने का कब दस्तक़ देगी मेरी ज़िन्दगी मे रुला दिया तडपा दिया खुशियाँ बन के अब तो आजाओ मेरे आँगन मे नन्हे से तेरे क़दमों का इन्तेजार है मेरे ममतो का जी भर जाये गा तेरे आने से मेरी आँसू रुके गी तेरे पा लेने से बस एक बार नन्ही सी क़दम रख दे मेरी सुनिह पनाहों मे जी लुंगी दुनिया माँ बन जाने से तेरे नन्हें कदम