वफ़ा और इश्क दोनों साथ लेकर आया हूँ, मेरे जज्बात मेरे हाथ लेकर आया हूँ। लो अब तो जा रही हो गैर के घर, कलमकर सर मैं अपना साथ लेकर आया हूँ।। -सरोज ©Vimlesh Miledar Saroj #सरोज #poetry