ख्वाहिश है भीगने की मगर #बरसात नहीं आ रही.. मैं सोता ही #नहीं.. या शायद रात नहीं आ रही... कभी बातों का #सिलसिला.. न रूकता था रात भर.. आज कहते है वो यार.. कोई #बात नहीं आ रही... ©Nishank Pandey #फीक़ा_प्यार