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भले ही इंसान अपनी आविष्कारों से देश की विकास को नि

भले ही इंसान अपनी आविष्कारों से
देश की विकास को निखार सकता है!

पर एक कवि चाहे तो अपनी कलम से
 पूरे देश को सुधार सकता है!

 लेखक
प्रियांशु दास कलम की ताकत
भले ही इंसान अपनी आविष्कारों से
देश की विकास को निखार सकता है!

पर एक कवि चाहे तो अपनी कलम से
 पूरे देश को सुधार सकता है!

 लेखक
प्रियांशु दास कलम की ताकत

कलम की ताकत