हमारा रिश़्ता कलम और कागज के जैसा है जो चाहे लिख दिया जाये कलम के अश़्कों से कागज जऱा भी मना नहीं करता कलम़ ने प्रेम लिखा हो या लिखा हो शोक उसने एक भी सवाल नहीं किया कलमकार लिखता रहता है किस्से नये पुराने सभी तरह के वो बीच बीच में विकल हृदय से लिखता और कुछ बूँदें टपक जाती कागज के दामन पर वो स़ोख लेता नमी कलम चुभाई जाती रही बार बार नाराजगी में उफ़्फ़ तक की आवाज़ नहीं आई कागज की कागज जानता है कलम का दर्द उसके सिवा किसको सुनाये दास्ताऩ -ऐ -ज़िंदगी सभी बंधनों से मुक्त जो है रिश़्ता तुम्हारा- मेरा मोह नहीं, छल आडम्बर से रहित निस्वार्थ प्रेम तुम्हारा- मेरा रक्षासूत्र महज़ धागा नहीं ये सूचक है प्रीति का जोड़े रखता है जो तमाम बिखरे पन्नों को रिश़्तों की किताब से ©®करिश्मा राठौर #कागज़_कलम_का_प्रेम #nojotopoems #nojotohindi #nojotofriends #nojotohearttouching #Nojotolover Anshula Thakur Adv. Rakesh kumar soni indira