चुपके से आते थे , बिना किसी शोर के , रंगों की बारिश होती थी हर और से .... दिल आत्मा सब तृपत कर देते थे, बादल वो घनघोर थे .... अब की बार , कहां रह गये मेरे सब य़ार , सूना है आंगन , बेरंग है रंगों का त्योहार ......... यार मेरे कहाँ रह गए! #यारमेरे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi