Long Distance Relationship नदी बोली समन्दर से, मैं तेरे पास आई हूँ। मुझे भी गा मेरे शायर, मैं तेरी ही ही रुबाई हूँ।। मुझे ऊँचाइयों का वो अकेलापन नहीं भाया; लहर होते हुये भी तो मेरा मन न लहराया; मुझे बाँधे रही ठंडे बरफ की रेशमी काया। बड़ी मुश्किल से बन निर्झर, उतर पाई मैं धरती पर; छुपा कर रख मुझे सागर, पसीने की कमाई हूँ।। #NojotoQuote Nadi Boli Samandar se