बेरोज़गारी का खिताब देकर छोड़ गए वो अनपढ केहकर ठुकरा गए वो अमीर नही ये केहकर मुँह मोड़ गए सबके दिन आते है जनाब एक दिन तरसेंगे हमारे हस्ताक्षर के लिए #poetry#quotes#art#books