Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुकोमल तर्जनी को जो है थामे हुए , मेरे इश्क की ये

सुकोमल तर्जनी को जो है थामे हुए , 
मेरे इश्क की ये  मुन्द्रिका ।
थामे है मुझे , 
उमंगों के उरोज पर । 
हल्के स्पंदनों से तेरे , 
धड़कते हैं मेरे हृदय हरबार । 
यूँ ही सजी रहें लड़ियां हमारे प्रेम की सदा  ,  
ज्यों सजी है तेरे जिस्म पर तरुण अंगड़ाईयां ।

🖋 अभिषेक तिवारी #इश्क_की_मुंद्रिका
सुकोमल तर्जनी को जो है थामे हुए , 
मेरे इश्क की ये  मुन्द्रिका ।
थामे है मुझे , 
उमंगों के उरोज पर । 
हल्के स्पंदनों से तेरे , 
धड़कते हैं मेरे हृदय हरबार । 
यूँ ही सजी रहें लड़ियां हमारे प्रेम की सदा  ,  
ज्यों सजी है तेरे जिस्म पर तरुण अंगड़ाईयां ।

🖋 अभिषेक तिवारी #इश्क_की_मुंद्रिका