दिल की हसरत मेरी ज़ुबान पे आने लगी; तुमने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी; ये इश्क़ के इन्तहा थी या दीवानगी मेरी; हर सूरत में मुझे सूरत तेरी नज़र आने लगी। ©विनोद जोशी प्यार हो गया