मेरी आशु कीमत क्या जानो तुम कभी माँ के आँचल के लिए तरसा तो कभी बाप की छाया के लिए तरशा मेरी तन्हा तुम क्या जानो कभी अपनो का प्यार पाने के लिए तरसा तो कभी इश्क के लिए तरसा मेरी कीमत तू क्या जानो मुझे खरीदने वाले ही अपने थे मुझे गिरवी रख कर । पंकज यादव मेरी आशु की कीमत #findingyourself