ट्रांसफर का चक्कर सफर जिंदगी का कहीं अधूरा न छूट जाए कहीं मिलन से पहले ना विरह का मुंँह देखना पड़ जाए रात दिन इसी की चिंता खाए जा रही है दिल की तमन्ना यूंँ ही दिल में सिमटी चली जा रही है बेचैनियां यूंँ इस कदर बढ़ती चली जा रही है जिस तरह बिन पानी के मछली तड़पती मरी जा रही है देखना है कि सपने साकार होते हैं या नहीं या फिर दिल के अरमा नालियों में बह जाएंगे यूंँ हीं ट्रांसफर का चक्कर #कहीं_कुछ_खो_सा_गया_है # #yqtransfer#yqmilan # #yqbaba #yqdidi #