#HappyChildrensDay शिल्पी के खिलोने *************** बच्चें वो मिट्टी हे जिससे देश का निर्माण किया जा सकता है, कच्ची मिट्टी को शिल्पकार जैसा आकार प्रकार देगा वैसा ही पात्र चरित्र तैय्यार होगा ही! यही सोच जवाहरलाल नेहरू जी की थी.आज का बालक कल का हिन्दुस्तान होगा! शिल्पी तो असल में मॉ बाप वगुरू होते पर आज ऐसा देखने को ही नही मिल रहा है! बच्चों को केवल पैसा कमाने की मशीन भर बनाने की होड़ चल पड़ी है इसी का परिणाम. परिवारों में बिखराव हो गया है! सुन्दर सपना टूट सा गया लगता है जगदीश निराला मॉगरोल कराची मॉटी