सर्दियां अक्सर दे जाती हैं अलाव तेरी यादों का कुछ बरसात इन नयनों में कुछ फुहारें बीते लम्हों की एक आयात तेरे वादों का.. मुझे याद है कैसे तुम ठिठुरते हुए ओढ़ लिया करती थी अपना पसंदीदा शॉल फिर मुझसे लिपटकर दिसम्बर में ले आया करती थी आहटें ग्रीष्म ऋतु की और उस धूप की तपिश में साथ पिघलते थे बर्फ से तुम और मैं! याद है कैसे तुम मेरी रूखी कलाइयों पर अपने नाखूनों से बना दिया करती थी चेहरा मेरा और अपना और लिख दिया करती थी प्यार है तुमसे! लेकिन तुम जा चुकी हो अब ये सर्दियां भी चली जाएंगी और मैं इस बरस भी तुम्हारी बुनी वो ऊन की हरी जुराबें पहनकर ये मौसम गुज़ार दूँगा फिर इस उम्मीद में कि लौट आओगी तुम! ©KaushalAlmora #दिसम्बरwithkaushalalmora #जुराबें #उम्मीद #yqdidi #love #यादें #सर्दी #रातबाँकीbykaushalalmora