जीवन का अभिमान है तू माँ, मेरा दिल और प्राण है तू माँ ।। उंगली अब भी हाथो में मेरे, चलने का बड़ा यान है तू माँ।। पहला कौर खिलाती जाती, बहुत बड़ा सम्मान है तू माँ।। हाथ की थपकी दे हमें सुलाती, नई जीत के समान है तू माँ।। आज भी गले लगाना तेरा, बहुत बड़ा एहसान है तू माँ।। तेरे चरणों में समय बिताना, बहुत बड़ा अरमान है तू माँ।। ©मानव 'सुओम' #BookLife