गेरू से बनाओगी तुम फिर इस साल भी घर की किसी दीवार पर ढेर-ढेर फूल, और लिखोगी मेरा नाम......?? गेरू से बनाओगी तुम फिर इस साल भी घर की किसी दीवार पर ढेर-ढेर फूल, और लिखोगी मेरा नाम......?? चिन्ता करोगी कि कहाँ तक जाएंगी शुभकामनाएँ?? हज़ारों वर्गमीलों के जंगल में कहाँ-कहाँ भटक रहा होऊंगा मैं