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खुली किताब की तरह जी लेना चाहता हूं जो ख्वाब देखे

खुली किताब की तरह जी लेना चाहता हूं
जो ख्वाब देखे मुकम्मल उसे में आज पा ना चाहता हूं
नहीं मांगी थी कभी खुशियां गैरो से आज मागता हूं
नहीं उठा कभी बेसब्री से आज जागता हूं
थी राहों में मुश्किलें बड़ी पता था
लेकिन होती है मुसीबत की घड़ी कहां पता था
अब तो जी लेना चाहता हूं 
बस बिखरे हुए कुछ भरे से पन्नों की 
खुली किताब की तरह खुली किताब की तरह 
मुझे मिली है ज़िन्दगी...
#खुलीकिताब #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
खुली किताब की तरह जी लेना चाहता हूं
जो ख्वाब देखे मुकम्मल उसे में आज पा ना चाहता हूं
नहीं मांगी थी कभी खुशियां गैरो से आज मागता हूं
नहीं उठा कभी बेसब्री से आज जागता हूं
थी राहों में मुश्किलें बड़ी पता था
लेकिन होती है मुसीबत की घड़ी कहां पता था
अब तो जी लेना चाहता हूं 
बस बिखरे हुए कुछ भरे से पन्नों की 
खुली किताब की तरह खुली किताब की तरह 
मुझे मिली है ज़िन्दगी...
#खुलीकिताब #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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