Nojoto: Largest Storytelling Platform

खामोशी में छिपा, गम समझ लिया। आँसुओं में भिगी पलक

खामोशी में छिपा,
गम समझ लिया।

आँसुओं में भिगी पलकों,
को नम समझ लिया।

दूसरों को बेहतर समझ सकूँ,
इसलिए खुद को थोड़ा कम समझ लिया।

मैं और वो थे अलग-अलग,
मैंनें दोनों को हम समझ लिया।

बात कुछ ना थी मगर,
रिश्ता बस यूँही खत्म समझ लिया।

खामोशी में छिपा,
गम समझ लिया।

आँसुओं में भिगी पलकों,
को नम समझ लिया।

©Gunja Agarwal
  #samajhliya

#Samajhliya #Life

2,094 Views