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युवाओं का जीवन (लेख) 👇 कैप्शन में पढ़े। युवाओं का

युवाओं का जीवन (लेख)
👇 कैप्शन में पढ़े। युवाओं का जीवन(लेख)
युवा शक्ति किसी देश के लिए कितनी महत्वपूर्ण है कि आधुनिक युग मे किसी देश की शक्ति और संसाधनों का अनुमान इस आधार पर लगाया जाता है कि उक्त देश मे कितनी युवा आबादी है, इस बात से ज्ञात होता है कि युवाओं का जीवन एक राष्ट्र के समग्र विकास में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

चूंकि भारत एक विकासशील और बड़ी जनसंख्या वाला देश है। यहां आधी जनसंख्या युवाओं की है, देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है। यहां के लगभग 60 करोड़ लोग 25 से 30 वर्ष के हैं। यह स्थिति वर्ष 2045 तक बनी रहेगी। विश्व की लगभग आधी जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। अपनी बड़ी युवा जनसंख्या के साथ भारत अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई पर जा सकता है। परंतु इस ओर भी ध्यान देना होगा कि आज देश की बड़ी जनसंख्या बेरोजगारी से जूझ रही है। भारतीय संख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में बेरोजगारों की संख्‍या 11.3 करोड़ से अधिक है। 15 से 60 वर्ष आयु के 74.8 करोड़ लोग बेरोजगार हैं, जो काम करने वाले लोगों की संख्‍या का  15 प्रतिशत है। जनगणना में बेरोजगारों को श्रेणीबद्ध करके गृहणियों, छात्रों और अन्‍य में शामिल किया गया है। यह अब तक बेरोजगारों की सबसे बड़ी संख्‍या है। वर्ष 2001 की जनगणना में जहां 23 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे, वहीं 2011 की जनगणना में इनकी संख्‍या बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई, बेरोजगार युवा हताश हो जाते हैं।ऐसी स्थिति में युवा शक्ति का अनुचित उपयोग किया जा सकता है। हताश युवा अपराध के मार्ग पर चल पड़ते हैं वे नशाख़ोरी के शिकार हो जाते हैं और फिर अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए अपराध भी कर बैठते हैं।इस तरह वे अपना जीवन नष्ट कर लेते हैं।देश में हो रही 70 प्रतिशत आपराधिक गतिविधियों में युवाओं की संलिप्तता रहती है।

देखने में आ रहा है कि युवाओं में नकारात्मकता जन्म ले रही है। उनमें धैर्य की कमी है,वे हर वस्तु अति शीघ्र प्राप्त कर लेना चाहते हैं,वे आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम की बजाय शार्टकट्स खोजते हैं, भोग विलास और आधुनिकता की चकाचौंध उन्हें प्रभावित करती है,उच्च पद, धन-दौलत और ऐश्वर्य का जीवन उनका आदर्श बन गए हैं।
अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जब वे असफल हो जाते हैं, तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है, कई बार वे मानसिक तनाव का भी शिकार हो जाते हैं। युवाओं की इस नकारत्मकता को सकारत्मकता में परिवर्तित करना होगा।
युवाओं का जीवन (लेख)
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युवा शक्ति किसी देश के लिए कितनी महत्वपूर्ण है कि आधुनिक युग मे किसी देश की शक्ति और संसाधनों का अनुमान इस आधार पर लगाया जाता है कि उक्त देश मे कितनी युवा आबादी है, इस बात से ज्ञात होता है कि युवाओं का जीवन एक राष्ट्र के समग्र विकास में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

चूंकि भारत एक विकासशील और बड़ी जनसंख्या वाला देश है। यहां आधी जनसंख्या युवाओं की है, देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है। यहां के लगभग 60 करोड़ लोग 25 से 30 वर्ष के हैं। यह स्थिति वर्ष 2045 तक बनी रहेगी। विश्व की लगभग आधी जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। अपनी बड़ी युवा जनसंख्या के साथ भारत अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई पर जा सकता है। परंतु इस ओर भी ध्यान देना होगा कि आज देश की बड़ी जनसंख्या बेरोजगारी से जूझ रही है। भारतीय संख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में बेरोजगारों की संख्‍या 11.3 करोड़ से अधिक है। 15 से 60 वर्ष आयु के 74.8 करोड़ लोग बेरोजगार हैं, जो काम करने वाले लोगों की संख्‍या का  15 प्रतिशत है। जनगणना में बेरोजगारों को श्रेणीबद्ध करके गृहणियों, छात्रों और अन्‍य में शामिल किया गया है। यह अब तक बेरोजगारों की सबसे बड़ी संख्‍या है। वर्ष 2001 की जनगणना में जहां 23 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे, वहीं 2011 की जनगणना में इनकी संख्‍या बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई, बेरोजगार युवा हताश हो जाते हैं।ऐसी स्थिति में युवा शक्ति का अनुचित उपयोग किया जा सकता है। हताश युवा अपराध के मार्ग पर चल पड़ते हैं वे नशाख़ोरी के शिकार हो जाते हैं और फिर अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए अपराध भी कर बैठते हैं।इस तरह वे अपना जीवन नष्ट कर लेते हैं।देश में हो रही 70 प्रतिशत आपराधिक गतिविधियों में युवाओं की संलिप्तता रहती है।

देखने में आ रहा है कि युवाओं में नकारात्मकता जन्म ले रही है। उनमें धैर्य की कमी है,वे हर वस्तु अति शीघ्र प्राप्त कर लेना चाहते हैं,वे आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम की बजाय शार्टकट्स खोजते हैं, भोग विलास और आधुनिकता की चकाचौंध उन्हें प्रभावित करती है,उच्च पद, धन-दौलत और ऐश्वर्य का जीवन उनका आदर्श बन गए हैं।
अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जब वे असफल हो जाते हैं, तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है, कई बार वे मानसिक तनाव का भी शिकार हो जाते हैं। युवाओं की इस नकारत्मकता को सकारत्मकता में परिवर्तित करना होगा।

युवाओं का जीवन(लेख) युवा शक्ति किसी देश के लिए कितनी महत्वपूर्ण है कि आधुनिक युग मे किसी देश की शक्ति और संसाधनों का अनुमान इस आधार पर लगाया जाता है कि उक्त देश मे कितनी युवा आबादी है, इस बात से ज्ञात होता है कि युवाओं का जीवन एक राष्ट्र के समग्र विकास में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। चूंकि भारत एक विकासशील और बड़ी जनसंख्या वाला देश है। यहां आधी जनसंख्या युवाओं की है, देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है। यहां के लगभग 60 करोड़ लोग 25 से 30 वर्ष के हैं। यह स्थिति वर्ष 2045 तक बनी रहेगी। विश्व की लगभग आधी जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। अपनी बड़ी युवा जनसंख्या के साथ भारत अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई पर जा सकता है। परंतु इस ओर भी ध्यान देना होगा कि आज देश की बड़ी जनसंख्या बेरोजगारी से जूझ रही है। भारतीय संख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में बेरोजगारों की संख्‍या 11.3 करोड़ से अधिक है। 15 से 60 वर्ष आयु के 74.8 करोड़ लोग बेरोजगार हैं, जो काम करने वाले लोगों की संख्‍या का  15 प्रतिशत है। जनगणना में बेरोजगारों को श्रेणीबद्ध करके गृहणियों, छात्रों और अन्‍य में शामिल किया गया है। यह अब तक बेरोजगारों की सबसे बड़ी संख्‍या है। वर्ष 2001 की जनगणना में जहां 23 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे, वहीं 2011 की जनगणना में इनकी संख्‍या बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई, बेरोजगार युवा हताश हो जाते हैं।ऐसी स्थिति में युवा शक्ति का अनुचित उपयोग किया जा सकता है। हताश युवा अपराध के मार्ग पर चल पड़ते हैं वे नशाख़ोरी के शिकार हो जाते हैं और फिर अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए अपराध भी कर बैठते हैं।इस तरह वे अपना जीवन नष्ट कर लेते हैं।देश में हो रही 70 प्रतिशत आपराधिक गतिविधियों में युवाओं की संलिप्तता रहती है। देखने में आ रहा है कि युवाओं में नकारात्मकता जन्म ले रही है। उनमें धैर्य की कमी है,वे हर वस्तु अति शीघ्र प्राप्त कर लेना चाहते हैं,वे आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम की बजाय शार्टकट्स खोजते हैं, भोग विलास और आधुनिकता की चकाचौंध उन्हें प्रभावित करती है,उच्च पद, धन-दौलत और ऐश्वर्य का जीवन उनका आदर्श बन गए हैं। अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जब वे असफल हो जाते हैं, तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है, कई बार वे मानसिक तनाव का भी शिकार हो जाते हैं। युवाओं की इस नकारत्मकता को सकारत्मकता में परिवर्तित करना होगा। #yourquote #yourquotebaba #yourquotedidi #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkयुवाओंकाजीवन #रमज़ान_कोराकाग़ज़