हाँ..!जज्बात लिखती हूँ मैं अपने अब क्या सब अहसास बता दूँ मैं दिल में हमेशा, रखती हूँ तुझे बस अब क्या तुझेसब साफ़ बता दूँ मैं खामोशियां मेरी तो सब बोलती है अब क्या तुझे, हर बात बता दूँ मैं बस एक तू ही बसा है रागो में मेरे अब क्या तुझे सबकुछ जता दूँ मैं आँखोंमें तुझको ही छुपाया है मैंने अब क्या तुम्हे नज़रें, दिखा दूँ मैं दिल्लगी की डोर तुम से बंधी मेरी अब क्या दीदार,करके दिखा दूँ मैं Ayushi Shukla 🥀 हमको तो दिल में रोज देखते ही हो तुम जरा नज़रों में झांक कर देख लिए करो खुद तो हमेशा, लिखते ही रहते हो तुम कभी मेरी किताबों को, पढ़ लिया करो... 🙈🙈🙈🙈🙈 Mujhe PTA hai padh Kar sabhi kuch na kuch soch rahe hai..