एक रोशनी की चाहत में न जाने कितने चराग छोड़ आए हम, एक अजनबी की सोहबत में न जाने कितनों के दिल तोड़ आए हम। कमबख्त वो भी अब तो खफा हो गए हैं हमसे जिनके लिए सारे जमाने को छोड़ आए हम।। ©Ravendra Singh #walkingaloneएक रोशनी की चाहत में न जाने कितने चराग छोड़ आए हम, एक अजनबी की सोहबत में न जाने कितनों के दिल तोड़ आए हम। कमबख्त वो भी अब तो खफा हो गए हैं हमसे जिनके लिए सारे जमाने को छोड़ आए हम।। IshQपरस्त writer dream