तेरे मुताबिक जो चल पड़े वो वक्त कैसा, ज़िंदगी कैसी जो हारना सीखा नहीं, तो सफ़र कैसा, वो जीत कैसी। न पैसा लेकर आये थे न रुपया लेकर जाओगे बस कर्मों का इक मामूली सा चोला लेकर जाओगे जब मिलना ही है खाक मे तो ये बताओ बंधुओं कि ज़िंदगी की दौड़ मे ये घमंड कैसा ,ये रीस कैसी। रीस= competition and jealousy तेरे मुताबिक़ तो नहीं हो सकती ये दुनिया। #तेरेमुताबिक़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi