जींवन सबको मिलता है जींवन जीने की कला सबके पास नहीं होती यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है धन कमाने दौड़ धूप करने और दुनियादारी के चक्कर में हम धीरे धीरे अपना बहुमूल्य जींवन गवां देते है। 'कितनी देर लगती है' ! सबकुछ समझने में धन के कारण चाटुकारों की भीड़ तो खूब इकट्ठा करली प्रेम करने वाला सायद ही कोई हो तब अंतर्मन की सीमाओं के भीतर हँसने और उमंग से झूमने में "कितनी देर लगती है" । वक़्त के बदलने में आदमी को ढलने में किसी के खोने में किसी के मिलने में कितनी देर लगती है? #कितनीदेर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi जी ख़्वाब देंखे और नई खोज तक पहुंचने में कितनी देर लगती है।कुछ एहसासों को समझ के खुद को अकेला करने में कितनी देर लगती है 😊😊😊😊🍫🍫 "जिजीविषा" 2012 में जागरण से संकलन किया था।आपसे साझा कर रहा हूँ ।