#OpenPoetry हौज़ हमने सोचा बच्चों को सैर कराई जाए क्यों ना उन्हें जंगल में घुमाया जाए पर जब जंगल में दिखा उन्हें एक हौज़ नन्हे बच्चों ने मिलकर बना ली फौज पानी से था वह तो लबालब भरा यूं लग रहा था मानो अपनी ओर कर रहा है इशारा सब बच्चों के संग हम भी मौज मस्ती में डूब गए छुट्टियों का मजा लेने लगे क्या करें साहब आखिर रोजमर्रा की जिंदगी से हम भी थे ऊब गए हम भी थे ऊब गए सुमित मानधना 'गौरव' #OpenPoetry #children #childhood #बचपन #summercacations #vacations