जिस दिन नज़रो से वासना चली जायेगी। सारे जहां की स्त्री अपने आप ही सुरक्षित हो जाएगी। #नजर_की_वासना वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं, तू ही बता क्या करूं के चैन की जिंदगी जी सकूं।। साडी पहनती हूं तो तुझे मेरी कमर दिखती है चलती हूं तो मेरी लचक पर अंगुली उठती है।।